My experiment with alliteration (read transliteration)...
शीतल शशि
सुरमई समीर
तरल तिमिर
शाश्वत क्षण
उत्सुक उर
मुदित मन
नमित नयन
करुण कंठ
अधीर अधर
विरल वचन
व्याकुल वाणी
कम्पित कर
स्थिर स्पर्श
प्रीत परिणय
विलीन वियोग
मधुर मेल ...
A thought is an awareness... Awareness is knowledge... Knowledge is power... All begins with a thought.
1 Comments:
huh?
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